ऐसे व्यक्ति जो बिस्तर पर लेटने के 30 मिनट या इससे भी कम समय में सो जाते हैं और रात में एक बार से ज्यादा हीं जागते, समझिए उन्हें अच्छी नींद आती है। ऐसे व्यक्ति का सेहत भी ठीक रहता है। यह शोधकर्ताओं का कहना है। अमेरिका के गैर-लाभकारी नेशनल स्लीफ फाउंडेशन (एनएसएफ) के अनुसार, बिस्तर पर ज्यादा समय तक नींद लेना (कुल समय का 85 फीसदी) और नींद आने से पहले 20 मिनट तक या उससे कम समय तक जागना अच्छी गुणवत्ता वाली नींद कहलाती है।
किशोरावस्था में लड़कियां कौन सी बाते सबसे ज्यादा करती हैं।
एनएसएफ के अध्यक्ष मैक्स हिरशकोविट्ज ने कहा, “लाखों अमेरिकी नींद के लिए तकनीकी उपकरण का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन उपकरणों से व्यक्ति को नींद में ब्रह्मांड की झलक मिलती है। उसे काल्पनिक ब्रह्मांड में विचरना अच्छा लगता है। उस समय उसकी नींद बहुत गहरी होती है।”
एनएसएफ द्वारा हाल की में जारी स्लीप हेल्थ इंडेक्स के अनुसार, 27 फीसद लोग नींद में जाने से पहले औसतन 30 मिनट से ज्यादा समय लेते हैं।
अच्छी नींद न आने से निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है। अवसाद घेर लेता है, दिल की समस्याएं पैदा होती हैं और मोटापा परेशान करता है। यानी व्यक्ति के सामान्य स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है।
इस शोध की रिपोर्ट पत्रिका ‘स्लीप हेल्थ’ में का प्रकाशित हुई है।
किशोरावस्था में लड़कियां कौन सी बाते सबसे ज्यादा करती हैं।
एनएसएफ के अध्यक्ष मैक्स हिरशकोविट्ज ने कहा, “लाखों अमेरिकी नींद के लिए तकनीकी उपकरण का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन उपकरणों से व्यक्ति को नींद में ब्रह्मांड की झलक मिलती है। उसे काल्पनिक ब्रह्मांड में विचरना अच्छा लगता है। उस समय उसकी नींद बहुत गहरी होती है।”
एनएसएफ द्वारा हाल की में जारी स्लीप हेल्थ इंडेक्स के अनुसार, 27 फीसद लोग नींद में जाने से पहले औसतन 30 मिनट से ज्यादा समय लेते हैं।
अच्छी नींद न आने से निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है। अवसाद घेर लेता है, दिल की समस्याएं पैदा होती हैं और मोटापा परेशान करता है। यानी व्यक्ति के सामान्य स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है।
इस शोध की रिपोर्ट पत्रिका ‘स्लीप हेल्थ’ में का प्रकाशित हुई है।
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